502 एकड़ गैर वन भूमि, राजस्व भूमि को संरक्षित कर ,उन पर वनीकरण करेगी सरकार
भोपाल
प्रदेश के शिवपुरी, बड़वानी, सागर,जिलों में जलसंसाधन विभाग के विभिन्न जलाशयों, सिचाई परियोजनाओं के कारण डूब क्षेत्र में आ रही वन भूमि के बदले सरकार इतनी ही गैर वन भूमि, राजस्व भूमि को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर उन पर वनीकरण करेगी। इसके लिए इन सभी जिलों की राजस्व भूमि को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
शिवपुरी जिले के टोंका में राजस्व की 126.50 हेक्टेयर जमीन को संरक्षित वन घोषित किया गया है। सरकुला मध्यम सिचाई परियोजना में प्रभावित 126.42 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में इस गैर वन भूमि को क्षतिपूत्रि वनीकरण के लिए वन भूमि के लिए नामांतरित किया गया है। बड़वानी के लोनसरा बुजूर्ग पटवारी गांव की 20.500 हेक्टेयर राजस्व भूमि को संरक्षित वन घोषित किया गया है। जलसंसाधन विभाग की गुलरपानी तालाब योजना में 20.500 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित हो रही है इसके एवज में इस गैर वन भूमि को क्षतिपूर्ति वनीकरण के उद्देश्य से वन विभाग को हस्तांतरित कर संरक्षित वन घोषित किया गया है।
बड़वानी जिले के लोनसरा बुजूर्ग पटवारी गांव की अतिरिक्त 28.080 हेक्टेयर और जमीन को भी संरक्षित वन घोषित कर दिया गया हे। बड़वानी किजले में जलसंसाधन विभाग की सुसरी तालाब योजना में 28.080 हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुई है इसके एवज में इस गैर वन भूमि को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर यहां क्षतिपूर्ति वनीकरण किया जाएगा।
सागर जिले के मदनतला में 24.29 हेक्टेयर शासकीय भूमि को संरक्षित वन घोषित किया गया है। जलसंसाधन विभाग के जमदर्रा जलाशय योजना में निर्माण में प्रभावित 24.29 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए इस गैर वन भूमि को संरक्षित वन घोषित किया गया है। बड़वानी जिले के घुसगांव पटवारी में शासकीय पहाड़ की 11.699 हेक्टेयर भूमि को वन भूमि घोषित कर यहां वनीकरण किया जाएगा। यह जमीन बड़वानी में तालाब योजना में प्रभावित हुई 90.785 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए दी गई है। बड़वानी के देवनली पटवारी हलका में 28.311 हेक्टेयर जमीन वनीकरण के लिए वन क्षेत्र घोषित की गई है।