लालू के लौटते ही एक्शन में आरजेडी, बूथ स्तर तक काम शुरू, कई जिलाध्यक्षों की होगी छुट्टी
बिहारः
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के किडनी ट्रांसप्लांट के बाद स्वस्थ होकर सिंगापुर से भारत लौट आए हैं। इसके साथ ही पार्टी एक्शन मोड में आ गई है। लालू यादव के स्वदेश लौटने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने की तैयारी है।बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। खबर है कि उन जिलाध्यक्षों की छुट्टी कर दी जाएगी जो पार्टी हाईकमान के दिशा निर्देशों के अनुरूप सक्रिय नहीं हैं।
बिहार में महागठबंधन की रैली के बाद राजद लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेगा। 25 फरवरी को पूर्णिया में महागठबंधन की रैली होनी है। इसके बाद राजद संगठन और बूथ स्तरीय कमेटी को मजबूत करेगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार सबसे पहले दस जिलों के जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। इन जिलों में नालंदा, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गया, सीवान, सारण, मुंगेर, शेखपुरा व मधुबनी शामिल हैं। इन जिलों में वर्तमान जिला अध्यक्षों का संगठनात्मक प्रदर्शन असंतोषजनक पाया गया है।
संगठनात्मक चुनाव के बाद पार्टी के जिला संगठनों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को जिला अध्यक्ष के चयन के लिए अधिकृत किया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार राजद के सदस्यता अभियान और बूथ कमेटी के गठन में लापरवाही को लेकर जिला अध्यक्षों के प्रदर्शन का आकलन किया गया है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि बूथ स्तरीय कमेटी मजबूत कर ही मुकाबले में विरोधी दलों को कड़ा संघर्ष दिया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के एक करोड़ सदस्य बनाने के लक्ष्य के विरुद्ध एक करोड़ 7 लाख सदस्य बनाए गए हैं।
पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सदस्यता अभियान के तहत सभी जिलाध्यक्षों को यह हिदायत दी गयी थी कि राज्य भर में सभी बूथों के लिए जो बूथ कमेटी बनेगी। उसके तहत हर बूथ पर कम से कम एक क्रियाशील सदस्य तैयार करने का निर्देश दिया गया था। इसके पीछे पार्टी की ओर से तर्क दिया गया था कि चुनाव के समय सभी बूथों पर राजद का एक क्रियाशील सदस्य अनिवार्य रूप से हो।
राज्य के आधा दर्जन जिलों से राजद कार्यालय को जो रिपोर्ट मिली है, उनमें बूथ कमेटी के सदस्यों के बारे में आ गयी है, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे बूथ हैं जहां एक भी क्रियाशील सदस्य नहीं है। कहा जा रहा है कि चुनावों के समय ऐसे में बूथ पर पार्टी की ओर से किसे जिम्मा दिया जाएगा इसका जवाब कोई नहीं दे रहा है। इन जिलों के जिलाध्यक्षों पर पार्टी कार्रवाई कर सकती है।