राम मंदिर में रामलला के विग्रह के लिए मैसूर से अयोध्या आईं दो श्याम शिलाएं
अयोध्या
अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के विग्रह निर्माण के लिए पत्थरों के चयन की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को मैसूर से श्याम वर्ण की दो शिलाएं अयोध्या पहुंच गई। इन शिलाओं को रामसेवकपुरम में देवशिलाओं के ही समीप रखवा कर उनका भौतिक परीक्षण शुरू करा दिया गया है। एक तरफ जहां भगवान के स्वरूप, विग्रह की भाव-भंगिमा पर गहन विमर्श विशेषज्ञों के बीच चल रहा है। दूसरी ओर भगवान के विग्रह के लिए अपेक्षित पवित्र शिलाओं के परीक्षण की भी प्रक्रिया चल रही है।
मंगलवार को कर्नाटक के मैसूर से पूजित दो शिलाएं अयोध्या लाई गईं। यह शिलाएं भी दो प्रकार की है। एक शिला श्याम वर्ण में है जबकि दूसरी अंदर से पीत वर्ण में हैं। खास बात यह रही कि मैसूर शिलाओं के पहुंचते ही मंदिर निर्माण के प्रभारी गोपाल राव अपने साथ देश के प्रसिद्ध वास्तु वैज्ञानिक आचार्य खुशदीप बंसल को लेकर पहुंचे। बता दें कि इससे पहले नेपाल के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जनकपुर से अयोध्या देवशिला लाई गई थीं। अयोध्या में इलका पूजन हुआ। इन्हीं देवशिला के पास ही मैसूर से लाई गई शिला भी रखवाई गई है।
नेपाल की पवित्र काली गंडकी नदी से ये पत्थर निकाले गए हैं। वहां अभिषेक और विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद शिला को 26 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना किया गया था। इसके बाद अयोध्या पहुंचकर इनका भव्य स्वागत और पूजन किया गया था। अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। जिसमें पहले चरण का कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है।
अयोध्या में हो रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए भक्तों को दी जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं। कहा जा रहा है कि साल 2024 की मकर संक्रांति के दिन भगवान राम इस दिव्य मंदिर के भव्य गर्भ गृह में दर्शन देंगे।