केसी वेणुगोपाल का बड़ा बयान-‘मोदी सरकार से 2024 में अकेले मुकाबला नहीं कर सकती कांग्रेस’
नईदिल्ली
आम चुनाव 2024 के लिए विपक्ष दलों में एकजुटता की बात कही जा रही है। इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और गांधी परिवार के करीबी केसी वेणुगोपाल ने बड़ा बयान दिया है।
वेणुगोपाल ने कहा है कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों में अकेले अपने दम पर मोदी सरकार का सामना नहीं कर सकती है। इसलिए सभी विपक्षी दलों का साथ आना जरूरी है।
बता दें, पिछले दिनों से इसी विपक्षी एकता की बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं। उन्होंने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि कांग्रेस देरी ना करे, हम तैयार हैं।
वेणुगोपाल ने कहा, कांग्रेस भी विपक्षी एकता के बारे में समान रूप से चिंतित है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने कई मौकों पर ठीक ही कहा है कि वर्तमान स्थिति में कांग्रेस अकेले इस सरकार से नहीं लड़ सकती। कांग्रेस किसी भी कीमत पर लड़ेगी, लेकिन हमें इसके खिलाफ लड़ने के लिए विपक्षी एकता की जरूरत है। यह लोकतंत्र विरोधी, तानाशाही सरकार है। इन ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए विपक्षी एकता की जरूरत है।'
केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘कांग्रेस इसके लिए (समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की एकजुटता) बहुत उत्सुक है. पिछला संसद सत्र एक उदाहरण था. हमारे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहल की और अडानी मुद्दे पर संसद में एक आवाज रखने के लिए विपक्ष की बैठक बुलाई. मोटे तौर पर हम सोच रहे हैं कि हमें भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए. हमें बीजेपी विरोधी वोटों को बंटने का मौका नहीं देना चाहिए.’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि देश में ‘आपातकाल जैसी स्थिति’ है. वणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस ने इस ‘तानाशाही सरकार’ के खिलाफ लड़ाई का ‘सबसे बड़ा काम’ अपने हाथ में ले लिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियां तानाशाही हैं.
उदयपुर चिंतन शिविर संकल्प के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए हर पदाधिकारी के खास है. उन्होंने कहा, ’50 अंडर 50′ उदयपुर चिंतन शिविर का संकल्प है. चिंतन शिविर घोषणा के बाद हम हर पदाधिकारी की जिम्मेदारी तय कर रहे हैं. 50 साल से कम उम्र के युवाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम इसे एक पखवाड़े में नहीं कर सकते. लक्ष्य की पूर्ण पूर्ति के लिए कुछ समय की आवश्यकता है. लेकिन हम इस प्रक्रिया में हैं. हमारा स्पष्ट विचार है कि 50% पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम होनी चाहिए.’ आपको बता दें कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ के रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक प्लेनरी सेशन का आयोजन कर रही है, जिसमें सीडब्ल्यूसी के लिए चुनाव कराने पर फैसला लिया जाएगा.
कांग्रेस इसके लिए बहुत उत्सुक है कि विपक्ष दल एक साथ आएं। पिछला संसद सत्र इसका एक उदाहरण था। खरगे ने पहल पर अडानी मुद्दे पर संसद में विपक्ष की बैठक बुलाई गई। मोटे तौर पर हम सोच रहे हैं कि हमें भाजपा के खिलाफ जाना चाहिए। हमें बीजेपी विरोधी वोटों को बंटने का मौका नहीं देना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस ने देश में 'आपातकाल जैसी स्थिति' को देखते हुए 'तानाशाही सरकार' के खिलाफ लड़ाई का 'सबसे बड़ा काम' अपने हाथ में ले लिया है।