काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में होगा पहला ‘आयुष चिंतन शिविर’
नई दिल्ली
आयुष मंत्रालय परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिए सोमवार से पहला 'आयुष चिंतन शिविर' असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित करेगा। आयुष मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि दो दिन तक चलने वाले इस चिंतन शिविर में देश के जाने-माने विशेषज्ञ भाग लेंगे और आयुष चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल चिंतन शिविर का उद्घाटन करेंगे और आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई उपस्थित रहेंगे। चिंतन शिविर में प्रख्यात वक्ता, विशेषज्ञ, आयुष मंत्रालय के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे।
मंत्रालय के अनुसार आयुष क्षेत्रों और पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित मौजूदा नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में भविष्य के सुधारों पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय गहन संवाद की रूपरेखा तैयार की गई है। इसका लक्ष्य मंत्रालय और आयुष क्षेत्र दोनों के लिए समग्र रूप से आगे बढ़ने का रास्ता तैयार करना है।
दो दिवसीय संवाद में आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, असम सरकार, नीति आयोग, उद्योग, स्टार्टअप, शिक्षा आदि के प्रतिष्ठित वक्ताओं और विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा होगी।पहला सत्र 27 फरवरी को "आयुष में डिजिटल स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी" पर होगा। उसी दिन के दूसरे सत्र में "आयुष अनुसंधान, भविष्य की रणनीति, चुनौतियां और आगे की राह" विषय पर विचार-विमर्श होगा। तीसरे सत्र में प्रख्यात वक्ता आयुष शिक्षा 'भविष्य की पहल', क्षमता निर्माण, रोजगार सृजन और एनईपी के बारे में बात करेंगे।
सम्मेलन का दूसरा दिन आयुष दवा उद्योग में वर्तमान चुनौतियां और आगे की राह, आयुष उत्पादों की सेवाएं और मानकीकरण के आसपास विचार-विमर्श शुरू होगा। यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत दुनिया की तुलना में आयुष बाजार में तेजी से बढ़ा है और वैश्विक बाजार का लगभग 2.8 प्रतिशत हिस्सा है। अगला सत्र 'जन स्वास्थ्य चुनौतियों और संभावनाओं में आयुष' पर होगा।
इस दो दिवसीय संवाद का उद्देश्य आयुष स्टार्टअप्स और निर्माताओं को आयुष में स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीकों की पहचान करना भी है। यह आयुष के लिए अधिक मजबूत अनुसंधान और विकास बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में काम करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है।