सुखाड़ ने बिगाड़ी खरीफ की खेती, अब रबी की फसल पर भी मंडराया संकट
नई दिल्ली
मौसम की बेरुखी के कारण झारखंड में पहले खरीफ की फसल चौपट हो गई थी और रबी पर भी संकट मंडराने लगा है। सर्दियों की बारिश नहीं होने और फरवरी के महीने में औस से ज्यादा तापमान रहने का असर रबी फसल पर दिखने लगा है। इनकी पैदावार कम होने के आसार बनने लगे हैं। आम और लीची पर भी प्रभाव दिख रहा है। फसलों पर कीड़ों का प्रकोप भी बढ़ गया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल सर्दियों में एक मिमी भी बारिश नहीं हुई है। वहीं पिछले साल 1 जनवरी से 27 फरवरी तक 52.4 मिमी बारिश हुई थी, जो वर्षा आधारित रबी के लिए लाभकारी रही।
आम के पेड़ पर मधुआ कीट का आतंक
फरवरी माह में अचानक तापमान बढ़ने से आम के पेड़ मधुआ कीट की चपेट में हैं। इसकी पत्तियां अचानक से चमकदार होने लगी हैं जो इस बात के संकेत हैं कि पेड़ पर मधुआ का प्रकोप बढ़ रहा है। बीएयू के उद्यान विभाग क पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके झा ने बाताय कि साल के शुरुआती महीने में आम के पेड़ पर मधुआ का प्रकोप नहीं था परंतु अब इसका प्रभाव दिख रहा है। उन्होंने सलाह दी है कि मंजर से टिकोरा निकलते ही बगीचे को पानी से नम रखें।
बारिश नहीं होने से कई फसलें प्रभावित
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में बारिश नहीं होने से मसूर, मटरी और तीसी की पैदावार में कमी आई है। रबी फसलके पौधों पर जमा महीन धूलकण की वजह से प्रकाश संश्लेषण नहीं होगा। पौधों से दाने भी कम निकलेंगे। तापमान बढ़ने से लीची की पत्तियों में माइटस कीड़े का प्रकोप बढ़ रहा है। पत्तियां सिकुड़ जाएंगे। खेतों में लगी बैंगन, मिर्च और अन्य मौसमी सब्जियों के पौधों को माइटस कीड़े चट कर जाते हैं।