शिवराज सरकार के इस बजट में वित्त मंत्री देवड़ा ने
भोपाल
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा बजट भाषण शुरू करने के कुछ देर बाद ही कांग्रेस के विधायकों ने टोका-टाकी शुरू कर दी। टोका टाकी की शुरूआत कांग्रेस के विधायक प्रियव्रत सिंह ने की। इसके बाद भाषण के बीच में टोका टाकी का ऐसा सिलसिला चला कि मुख्यमंत्री को नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और कमलनाथ से टोका टाकी बंद करवाने के लिए प्रार्थना करना पड़ी, लेकिन विपक्ष के नेताओं पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ।
जब वित्त मंत्री ने स्कूल शिक्षा पर बोलना शुरू किया तक कांग्रेस विधायक विजय चौरे ने बीच में कहा कि गाजर घास की तरह प्रायवेट स्कूल खुल गए हैं। वहीं बापू सिंह तंवर ने कहा कि स्कूलों ने शिक्षक नहीं है। इनकी कब व्यवस्था कर रहे हैं। विद्यार्थियों को साइकिल नहीं बांटी जा रही है। इंजीनियरिंग कॉलेज की बात जब भाषण में हो रही थी तब कांग्रेस विधायक राकेश मवई ने बीच में कहा कि मुरैना में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कॉलेज खोलने की, उस घोषणा का क्या हुआ। किसानों पर बात की जा रही थी तब शंशाक भार्गव बीच में बोले कि ब्याज माफ नहीं हुआ है। बाला बच्चन ने कहा कि कर्ज माफी के लिए कम प्रावधान किया है। वहीं जब वित्त मंत्री नारी शक्ति कल्याण के प्रावधान पर बोल रहे थे, तब प्रियव्रत सिंह और विजय लक्ष्मी साधों ने महिलाओं की पुरानी योजनाओं को लेकर बोला। इसके बाद रोजगार मेले पर जब वित्त मंत्री बोले तब प्रियव्रत सिंह और पीसी शर्मा ने टोका-टाकी की।
इधर जब रसोई गैस सिलेंडर को लेकर कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा तब गृह एवं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गैस सिलेंडर पर राज्य सरकार ने पैसे नहीं बढ़ाए हैं। उनके इतना बोलते ही सदन में कांग्रेस के कई विधायक एक साथ खड़े होकर बोलने लगे। जिस पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि कपड़े फाडने का काम मत करो।
बजट में शक्ति को ज्यादा तवज्जो
शिवराज सरकार के इस बजट में वित्त मंत्री देवड़ा ने शक्ति को अधिक तवज्जो दी है। इसकी शुरुआत नारी शक्ति से की गई है। इसके बाद युवा शक्ति, किसान शक्ति के नाम पर इस वर्ग से जुड़े लोगों का सम्पूर्ण बजट पेश किया गया है। सिंचाई और ऊर्जा के लिए बजट में जो प्रावधान किए गए हैं उसके मुताबिक सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण व संधारण के लिए 11 हजार 49 करोड़ रुपए तय किए गए हैं। ऊर्जा सेक्टर के लिए 18302 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।
स्वास्थ्य व नगरीय विकास के लिए इतना बजट
स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए 16055 करोड़ रुपए तय किए गए हैं जो पिछले साल से 17 प्रतिशत अधिक है। नगरीय विकास के लिए 14882 करोड़ रुपए का प्रावधान है जो पिछले साल से 1769 करोड़ अधिक है।