तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर कहर: हिंसा में 2 की मौत, कमरों में हुए कैद, वापसी के लिए ट्रेनों में नहीं जगह
भागलपुर
तमिलनाडु में बिहार के लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं हो रही है। स्थानीय लोगों के भय से बिहार के लोग कारखाना में काम करने नहीं जा रहे हैं। इसमें अधिकांश मजदूर हैं। वे अब तमिलनाडु छोड़ गांव आना चाहते हैं, लेकिन ट्रेनों में टिकट नहीं मिलने से कमरे में कैद होकर रह रहे हैं। वहीं कुछ लोग समय बदलकर काम करने जा रहे हैं, ताकि उनके साथ कोई अनहोनी न हो। वहां रह रहे लोग वीडियो और फोटो भेज घटना की जानकारी दे रहे हैं।
वीडियो भेज घटनाओं को शेयर कर रहे लोग
तमिलनाडु के त्रिपुर में रह रहे जगदीशपुर प्रखंड के कनेरी निवासी राज कुमार ने बताया कि उतर भारत और बिहार के विभिन्न जिलों के काफी संख्या में लोग काम कर रहे हैं। लोग वीडियो भेजकर घटनाओं की जानकारी दे रहे हैं। इसके चलते भय बना रहता है। बुधवार को डर से काम करने कंपनी में नहीं गये। लोग गांव वापस कर लौट रहे हैं। लेकिन ट्रेन में टिकट नहीं मिल रहा है। तीन दिन का सफर है। जैसे-जैसे तत्काल में टिकट लेकर निकल रहे हैं। भागलपुर के नाथनगर, मिरजानहाट, चांदपुर, कनेरी, हड़वा, बलुआचक, पीरपैंती प्रखंड के सलेमपुर, नौवाटोली, बाखरपुर, पकड़िया, दुबौली, नवगछिया के अलावा रजौन के टेकनी मधाय, मुंगेर के असरगंज, जमालपुर, किऊल आदि जगहों के लोग काफी संख्या में रह रहे हैं। परिसर में 12 क्वार्टर हैं। उसमें से तीन खाली हो गये हैं।
ट्रेनों में नहीं मिल रहा टिकट
लाल बहादुर ने बताया कि भय के चलते कमरे से नहीं निकलते हैं। आर्थिक संकट भी होने लगा है। डर से कंपनी समय से एक घंटा पहले या बाद में जाते हैं। वापस लौटने का समय भी तय रहता है। साथ में बांका और दरभंगा जिले के लोग भी रहते हैं। बिहारियों के साथ स्थानीय लोग छिनतई भी करते हैं। लाल बहादुर ने स्टेशन पर गांव लौटने वालों का फोटो और कई वीडियो ‘हिन्दुस्तान’ से शेयर किया। इसी गांव ने धनंजय ने बताया कि दो सप्ताह पहले घर से काम करने आए थे, लेकिन माहौल खराब है। घर वापसी के लिए 12 मार्च का टिकट लिया है। जहां रहते हैं, वहां तो घटना नहीं हुई है। लेकिन एक किलोमीटर आगे और पीछे लगातार हो रही है।
बिहार के लोगों के परिजनों की चिंता बढ़ी
अजीत कुमार ने कहा कि 14 मार्च का टिकट लिया है। परिजन भी परेशान हैं। पवन कुमार ने बताया कि परिवार के साथ कमाने आए थे। लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा मारपीट करने और भगाने के चलते सभी लोग डरे हुए हैं। जल्द ही गांव लौट जायेंगे। अब यहां काम नहीं करने आयेंगे। जगदीशपुर के हड़वा निवासी राज कुमार ने बताया कि स्थानीय लोग बिहार के लोगों को निकाल रहे हैं। बिहारी मेहनत करते हैं। इसके चलते स्थानीय लोगों को काम नहीं मिल रहा है। कई लोग नाम बताने से डर रहे थे। उनका कहना था कि मीडिया में नाम आने पर स्थानीय लोग और परेशान करेंगे।