भारतीय शॉर्ट-फॉर्म वीडियो बाजार 2030 तक 12 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा
नई दिल्ली
भारतीय शॉर्ट-फॉर्म वीडियो बाजार मुद्रीकरण सफलता के शिखर पर है और संभावित रूप से 2030 तक 8 डॉलर से 12 अरब डॉलर का हो सकता है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ऐप अब वैश्विक शॉर्ट-फॉर्म ऐप के साथ अच्छी तरह से मुकाबला कर रहे हैं और म्यूजिक/डान्स और डायलॉग/एक्टिंग कंटेंट के प्रस्तावों में महत्वपूर्ण अंतर के साथ पांच शीर्ष कंटेंट शैलियों में से तीन में अग्रणी हैं।
रिपोर्ट में 2028 में 0.35-0.4 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से प्रभावशाली लोगों पर मार्केटिंग खर्च 2.8-3.5 अरब डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है।
रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के पार्टनर मोहित राणा ने कहा, वर्तमान में, ब्रांड और प्रभावित करने वाले ज्यादातर मध्यस्थ एजेंसियों के माध्यम से जुड़ते हैं- एक ऐसा मॉडल जो टूटा हुआ है और जिसमें दक्षता की कमी है। उन्होंने कहा, तकनीक-सक्षम, पारदर्शी और स्केलेबल समाधान की आवश्यकता है। क्रिएटर मार्केटप्लेस इस अंतर को पाट सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर, शॉर्ट-फॉर्म वीडियो प्लेटफॉर्म और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ग्राहकों की व्यस्तता और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए वीडियो कॉमर्स पर तेजी से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। भारत में, वीडियो कॉमर्स अभी शुरू ही हुआ है, शॉर्ट-फॉर्म वीडियो प्लेटफॉर्म के 2030 में 8-11 बिलियन डॉलर के वीडियो कॉमर्स बाजार में 40 प्रतिशत पर कब्जा करने की उम्मीद है।
इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला है कि मेट्रो और टियर 1 शहरों में कंटेंट की खपत के लिए पसंदीदा भाषा हिंदी है, इसके बाद अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएं हैं। यह भी देखा गया है कि यूजर-जेनरेटिड कंटेंट (यूजीसी) प्लेटफॉर्म क्रिएटर मार्केटप्लेस विकसित कर रहे हैं जो क्रिएटर्स के लिए ब्रांडों से जुड़ने के लिए एक केंद्रीकृत नेटवर्क बन सकते हैं।
इससे क्रिएटर्स और ब्रैंड दोनों को फायदा हो सकता है, क्योंकि यह क्रिएटर्स को अपना काम दिखाने के लिए और ब्रैंड को काम करने के लिए उपयुक्त क्रिएटर्स खोजने के लिए एक प्लैटफॉर्म मुहैया कराता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में शॉर्ट-फॉर्म वीडियो प्लेटफॉर्म पर वर्चुअल गिफ्टिंग 2030 तक 1.7 अरब डॉलर होने की उम्मीद है।