तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमलों की खबर झूठी, CITI और SIMA संगठन ने संयुक्त बयान किया जारी
चेन्नई
तमिलनाडु के कई इलाकों में बिहार के मजदूरों के साथ हुई कथित मारपीट को लेकर बवाल हो रहा है। तमिलनाडु में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के बीच दहशत को कम करने के लिए, सदर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन (SIMA) और भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (CITI) ने एक संयुक्त बयान जारी किया और कहा कि बिहारी प्रवासी श्रमिकों पर हमलों को दिखाने वाले वीडियो झूठे हैं। यह बयान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक ट्वीट के मद्देनजर आया, जिसमें उन्होंने मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान दिया और दक्षिणी राज्य में प्रवासी मजदूरों पर कथित हमलों के बारे में चिंता जताई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि चार सदस्यीय टीम स्थिति का जायजा लेने के लिए दक्षिणी राज्य का दौरा करेगी।
4 सदस्यों की टीम जांच के लिए जाएगी- नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा कि चार सदस्यीय टीम मामले की विस्तार से जांच करेगी। चार सदस्यीय टीम में डी बालमुरुगन, सचिव, ग्रामीण विकास, पी कानन, आईपीएस (आईजी सीआईडी), श्री आलोक, विशेष सचिव, श्रम विभाग और एक आईपीएस अधिकारी अपनी यात्रा के बाद बिहार के मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।
प्रवासी श्रमिकों पर हमले का दावा 'झूठा'
हालांकि, तमिलनाडु के डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने दावे का खंडन किया और कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया वीडियो एक पुरानी क्लिप है और प्रवासी श्रमिकों पर हमले का दावा 'झूठा' है।
दो वीडियो पोस्ट किए गए हैं और दोनों झूठे हैं- डीजीपी सिलेंद्र बाबू
तमिलनाडु के डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने कहा, ‘बिहार में किसी ने झूठे और शरारतपूर्ण वीडियो पोस्ट कर कहा कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया गया है। दो वीडियो पोस्ट किए गए हैं और दोनों झूठे हैं, ये दो घटनाएं पहले तिरुपुर और कोयम्बटूर में हुई थीं। दोनों मामले तमिलनाडु के लोगों और प्रवासी श्रमिकों के बीच संघर्ष नहीं थे। एक वीडियो बिहार प्रवासी श्रमिकों के दो समूहों के बीच आपसी झड़प का था और दूसरा वीडियो कोयम्बटूर के दो स्थानीय निवासियों के बीच झड़प का था।’ कक्कलूर इंडस्ट्रियल एस्टेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (KIEMA) के सचिव के बस्करन ने कहा कि ये अफवाहें राज्य में MSME उद्योगों को प्रभावित कर रही हैं।