September 28, 2024

प्रदेश में बेमौसम बारिश से 80% फसल पर संकट,15 मार्च से फिर बारिश का दौर

0

 भोपाल.

मध्यप्रदेश में बेमौसम हो रही बारिश किसानों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। पांच दिन में तेज बारिश, ओलावृष्टि और आंधी की वजह से 20 से ज्यादा जिलों में गेहूं-चने और सरसों समेत अन्य फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। 80% से ज्यादा फसलें या तो खेतों में खड़ी हैं, या फिर कटकर खलिहान में रखी है। इन पर फिर से संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 15 मार्च से फिर बारिश का दौर शुरू होगा, जो तीन-चार दिन तक चलेगा। अरब सागर से आने वाली हवाओं के चलते पूरे प्रदेश में असर रहेगा। बारिश के साथ ओले गिरेंगे और तेज आंधी भी चलेगी।

प्रदेश में 3 मार्च से मौसम बदला था और 5 मार्च से बारिश का दौर शुरू हो गया था। कई शहरों में तो 60 Km प्रति घंटे की स्पीड से आंधी चली। वहीं, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, मंदसौर, रतलाम, नर्मदापुरम, विदिशा, राजगढ़, बड़वानी, सीहोर, रायसेन, धार, हरदा, शाजापुर, छिंदवाड़ा, आगर-मालवा, खंडवा, सतना समेत 20 से ज्यादा जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश-आंधी के साथ ओले भी गिरे। इस कारण गेहूं-चने और सरसों की फसलों को नुकसान हुआ। CM शिवराज सिंह चौहान ने प्रभावित फसलों का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। कई जिलों में मंत्री-विधायक भी प्रभावित फसलों का जायजा लेने के लिए खेतों में उतरे हैं।

प्रदेश में रबी का रकबा 135 लाख हेक्टेयर से ज्यादा

प्रदेश में रबी का रकबा 135 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। इसमें गेहूं, चना, सरसों की फसलें ज्यादा बोई गई है। अभी भी 80 प्रतिशत फसलें खेतों में ही खड़ी है, या खलिहान में रखी है।

 सिस्टम पांच दिन बाद शुरू

मौसम वैज्ञानिक ममता यादव ने बताया कि 15 मार्च से पश्चिमी मध्यप्रदेश में बारिश का सिस्टम एक्टिव होगा। अरब सागर से आने वाली हवाओं के चलते दक्षिण मध्यप्रदेश के इलाकों में बारिश होगी। इससे बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, देवास, बड़वानी समेत कई जिलों में बारिश की संभावना है। इसके बाद सिस्टम आगे बढ़ेगा और भोपाल, सीहोर, राजगढ़ आदि जिलों में बारिश शुरू होगी। प्रदेश के कई हिस्सों में भी असर रहेगा। 18 मार्च तक सिस्टम एक्टिव रहेगा।

ओले गिरने के साथ आंधी भी चलेगी

15 से 18 मार्च के बीच प्रदेश में तेज आंधी चलेगी और ओले गिरने की संभावना भी बनी रहेगी। बिजली चमकने और गिरने के मामले भी सामने आएंगे। मौसम वैज्ञानिक यादव ने बताया कि ठंड के बाद प्री-मानसून के दौरान बारिश के साथ ओले गिरते हैं। इससे फसलों पर असर पड़ेगा, इसलिए किसान कटाई की फसलें काट लें। यदि खलिहान में रखी है तो उसे तिरपाल आदि से ढंक लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *