गहलोत सरकार के अत्याचार:पायलट के घर धरने पर थीं पुलवामा शहीदों की पत्नियां, उठा ले गई पुलिस
जयपुर
पुलावामा हमले में शहीद हुए राजस्थान के कई सैनिकों की पत्नियों ने इन दिनों सीधे सीएम गहलोत से जंग का एलान कर दिया है। हांलाकि हर मोर्च पर वे विफल साबित हो रही हैं। पूरा घटनाक्रम जयपुर में जारी है। जयपुर में सीएम से मुलाकात करने और नौकरी एवं अन्य मांगों को लेकर धरने प्रदर्शन कर रही शहीदों की पत्नियों को रातों रात गायब कर दिया गया है। उनका साथ दे रहे भाजपा सांसद को देर रात तीन बजे उठाकर उनके जयपुर स्थित बंगले पर छोड़ दिया गया है और शहीदों की पत्नियों के साथ धरने पर बैठे उनके रिश्तेदार और अन्य लोगों को हवालात में ठूंस दिया गया है।
रात तीन बजे गायब हुईं शहीद की पत्नियां
शहीद की पत्नियों के साथ यह सब कुछ देर रात तीन बजे से चार बजे के बीच में हुआ है। सभी को जयपुर के सेज थाने में बंद किया गया है। थानाधिकारी का कहना है कि उपर से ऑर्डर आए हैं ऐसा करने के लिए…. इसलिए ऐसा किया गया है।
10 दिन से शहीदों की पत्नियां दर-दर भटक रहीं
दरअसल जयपुर जिले के रहने वाले तीन शहीदों की पत्नियों मंजू लांबा, सुंदरी देवी और मधुबाला मीणा के साथ पिछले करीब दस दिन से सांसद किरोड़ी लाल मीणा धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि शहीदों की पत्नियों को सरकार राहत पैकेज के अलावा और राहत दे। उनका कहना है कि उनके परिवार में उनके देवर को नौकरी दी जाए ताकि वह अपने परिवार का गुजारा कर सके। यही सबसे प्रमुख मांग है।
अब सांसद किरोड़ी लाल के साथ गहलोत सरकार के दर पर
जबकि इस मांगा का जवाब सीएम अशोक गहलोत ने दिया है कि ऐसा कानून नहीं है। शहीद के बेटे या बेटी को ही नौकरी दी जा सकती है। अगर वे कम उम्र के हैं तो उनको उम्र पूरी होने पर नौकरी दी जाती है और यही नियम है। अब सांसद किरोड़ी लाल का कहना है कि सरकार को ये नियम बदलना ही होगा….।
सीएम, डिप्टी सीएम और मंत्रियों के घरों के बाहर बैठीं
इसी बात पर सरकार और सांसद आमने सामने हैं। कई दिनों से सीएम, डिप्टी सीएम और अन्य लोगों के घरों के बाहर धरना जारी है। ऐसे में देर रात पुलिस ने एक्शन लिया है और सांसद को हिरासत में लेकर उनके घर छोड़ दिया। तीनों महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराने की बात सामने आ रही है और उनके परिवार के सदस्यों को हवालात में ठूंस