September 30, 2024

स्टार्टअप के लिए युवाओं को मार्गदर्शन और पूरा सहयोग दिया जाएगा – कलेक्टर

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रीवा को स्टार्टअप में प्रदेश का अग्रगामी जिला बनाएं – कलेक्टर
विद्यार्थियों की जिज्ञासा ही उन्हें नए कार्यों के लिए प्रेरित करती है – कुलपति

रीवा
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के व्यावसायिक प्रबंधन विभाग के सभागार में दो दिवसीय स्टार्टअप बूट कैंप आयोजित किया जा रहा है। इसका शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर मनोज पुष्प ने किया। इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि स्टार्टअप के लिए युवाओं को सही मार्गदर्शन और पूरा सहयोग दिया जाएगा। युवाओं में कुछ कर गुजरने का जज्बा और असीमित ऊर्जा होती है। स्टार्टअप के माध्यम से इसका सही दिशा में उपयोग संभव है। सही विचार और उसे पूरा करने का संकल्प मानव का जीवन बदल देता है। रीवा ही नहीं पूरे विन्ध्य में उर्वर मस्तिष्क और परिश्रमी व्यक्तियों की कमी नहीं है। रीवा जिले के प्राकृतिक संसाधन, पर्याप्त भूमि, तेजी से विकसित हो रही अधोसंरचनाएं जिले को स्टार्टअप के लिए सबसे उपयुक्त बना रही हैं। सभी युवा नए विचारों के साथ रीवा को स्टार्टअप में प्रदेश का अग्रगामी जिला बनाएं।

कलेक्टर ने कहा कि रीवा में हर तरह के विकास की असीम संभावना है। रीवा बहुत तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। कृषि आधारित उद्योगों, पर्यटन, बांस उत्पादन, वेयर हाउस तथा कोल्ड स्टोरेज आदि के लिए रीवा में बहुत संभावना है। मुंबई-बनारस औद्योगिक कॉरिडोर रीवा से होकर गुजरेगा। इससे जिले के विकास को गति मिलेगी। स्टार्टअप के लिए रीवा में सबकुछ सकारात्मक है। कलेक्टर ने युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि आप इंदौर अथवा अन्य किसी महानगर में यदि कोई स्टार्टअप शुरू करेंगे तो उसकी प्रतिस्पर्धा में 10-15 स्टार्टअप जरूर होंगे। लेकिन रीवा में आपका स्टार्टअप अकेला और सर्वाधिक संभावनाओं वाला होगा। रीवा जिले में उद्यमों के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। बाणसागर बांध की नहरों से जिले में पर्याप्त पानी भी उपलब्ध है। खनिज तथा प्राकृतिक संसाधन यहाँ पर्याप्त हैं। रीवा को चारों ओर से जोड़ने के लिए हाईवे हैं। रेलवे का भी तेजी से विकास हो रहा है। रीवा में एयरपोर्ट का शिलान्यास हो चुका है। इसी साल से यहाँ हवाई सेवा शुरू हो जाएगी। जिले के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक सभी संसाधन अब रीवा में उपलब्ध हैं। युवा अपनी प्रतिभा और साहस के साथ स्टार्टअप के लिए प्रयास करे।
    
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजकुमार आचार्य ने कहा कि विद्यार्थियों की जिज्ञासा ही उन्हें नए कार्य के लिए प्रेरित करती है। युवा अपनी ऊर्जा को स्टार्टअप के माध्यम से खिलने का अवसर दें। घर में बैठकर सपने देखने से कुछ नहीं होगा। खुली आँख से देखे गए सपनों को पूरे मन से प्रयास करने पर सफलता मिलेगी। यहाँ के युवा बहुत प्रतिभाशाली और परिश्रमी हैं। आप सब निश्चय ही देश ही नहीं पूरी दुनिया में रीवा और विन्ध्य का नाम रोशन करेंगे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के व्यावसायिक प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष तथा स्टार्टअप के नोडल अधिकारी डॉ अतुल पाण्डेय ने कार्यशाला के उद्देश्यों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में भोपाल से आए प्रोफेसर डॉ. अनुराग ने स्टार्टअप के संबंध में विभिन्न संभावनाओं तथा विकास की जानकारी दी। कार्यशाला के सह आयोजक जेएनसीटी कालेज द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में डॉ. नलिन दुबे, अन्य प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए।

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