1 जून से प्रदेश में फल दूध सब्जी की सप्लाई होगी बंद, किसान मजदूर महासंघ की सरकार को चेतावनी
भोपाल. किसानों की 33 मांगों को लेकर किसान मजदूर महासंघ ने सोमवार को प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष,राष्ट्रीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय समन्वयक, संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) की कोर कमेटी के वरिष्ठ सदस्य शिव कुमार शर्मा ‘कक्का जी’ ने ऐलान किया है कि मांगे नहीं माने जाने पर 1 जून से 7 जून तक प्रदेश में आंदोलन होगा। पूरे प्रदेश में फल, दूध, सब्जी की सप्लाई बंद करेंगे।
यह है महासंघ की 33 मांगे
1. प्रदेश में हाल ही में हुई अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों का सर्वे तत्काल करा कर प्रथम दृष्टया के आधार पर राहत राशि की पहली किश्त किसानों के खाते में डाली जाए।
2.ओलावृष्टि को प्राथमिकता पर सर्वे में लिया जा रहा है परंतु अतिवृष्टि से भी किसानों की फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है जिसका सर्वे तत्काल शुरू कराया जाए ।
3.अतिवृष्टि ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों के खातों में अविलंब फसल बीमा की राशि हस्तांतरित की जाए।
4.पूर्व से लंबित राहत राशि एवं फसल बीमा की राशि अविलंब किसानों के खातों में डाली जाए।
5.ओला गिरते समय पट्टी पकड़ कर चलता है इसलिए संपूर्ण हल्के में खेतों का नुकसान समांतर नहीं होता। इस हेतु RBC 6-4 की धारा में राहत राशि वितरण और फसल बीमा वितरण में हल्का पटवारी की जगह खेत को ही इकाई माना जाए।
6.मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई है कि 50% से ज्यादा नुकसान पर 32000 रूपया हेक्टेयर के हिसाब से राहत राशि दी जाएगी। कृपया सरकार अपना आशय स्पष्ट करे कि 50% से कम नुकसान होने पर कितनी राहत राशि दी जाएगी। पीड़ित सभी किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
7.मुख्यमंत्री द्वारा यह भी घोषणा की गई है कि पीड़ित किसानों से ऋण की किश्त नहीं वसूली जाएगी, कृपया सरकार अपना आशय स्पष्ट करते हुए यह बताए कि कितने प्रतिशत नुकसान वाले को पीड़ित किसान माना जाएगा ? ऋण किश्त भरने की अंतिम तिथि 31 मार्च समीप में है ऐसे में सभी किसानों को ऋण किस्त भरने की तिथि को बढ़ाकर 31 मई तक किया जाए।
8.मंडियों में गेहूं,चना,प्याज आलू व कपास समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहा है, ऐसे में हम मांग करते हैं कि इनके निर्यात पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।
9.किसानों से बिजली के बकाया बिल की अमानवीय ढंग से चल रही वसूली को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
10.परंपरागत खेती (जैविक खेती) में मध्यप्रदेश श्रमिक प्रमाणीकरण द्वारा पूर्व से ही पंजीकृत कृषकों को जैविक संबंधी तमाम योजनाओं में प्राथमिकता देते हुए लाभार्थी बनाया जाए।
11.समस्त कृषकों को दो लाख रुपए तक के ऋण से मुक्त किया जाए।
12.कृषि यंत्रों उपकरणों तथा खाद कीटनाशकों को जीएसटी से मुक्त रखा जाए।
13.C2+50 स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर एमएसपी घोषित की जाए तथा सभी फसलों को क्रय करने हेतु एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए।
14.प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर लगे सभी मुकदमे वापस लिए जाएं तथा शहीद परिवार को मुआवजा राशि तथा उनके परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाए।
15.भाजपा शासन काल में लागू भू अर्जन कानून वापस लिया जाए।
16.प्रदेश में भूमि अधिग्रहण पर 4 गुना मुआवजा दिया जाए।
17.प्रदेश में राजस्व विभाग में बड़े पैमाने पर सीमांकन,खुर्द बटान,फौती नामांतरण के प्रकरण लंबित अभिलंब निराकरण किया जाए।
18.कंप्यूटर रिकॉर्ड में किसानों को भारी त्रुटियों का सामना करना पड़ रहा है,इस प्रकार की त्रुटियों को अविलंब दूर किया जाए।
19.पट्टेधारी किसान 60- 70 वर्षों से खेती कर रहे हैं उन्हें हटाया जा रहा है यदि उनमें आपस में कोई विवाद नहीं है तो उन्हें वही व्यवस्थापित किया जाए।
20.मंडी के चुनाव सीधे किसानों द्वारा कराए जाएं।
21.गन्ने का समर्थन मूल्य ₹360 करते हुए गन्ने की बकाया राशि का भुगतान अविलंब कराया जाए।
22.गन्ना खरीदी सीजन के पूर्व गन्ने की रिकवरी जांच कराकर, जांच के आधार पर भुगतान अधिनियम के अंतर्गत गन्ने की बकाया राशि का ब्याज सहित भुगतान कराया जाए।
23.दुग्ध उत्पादक किसानों को ₹15 प्रति फैट का भाव प्रदान करते हुए पशु आहार पर 50% अनुदान प्रदान किया जाए।
24.सिंचाई हेतु नेहरू का पानी निशुल्क किया जाए।
25.डीजल पर लिया जा रहा टैक्स समाप्त कर किसानों को डीजल ₹50 प्रति लीटर के भाव से दिया जाए।
26.आवारा पशुओं की समस्या निवारण हेतु समस्त ग्रामों में गौशाला का निर्माण व उनके रख रखाव हेतु पर्याप्त राशि किसानों का समूह बना कर दी जाए, ताकि गौ माता की सेवा व खेतों की रखवाली समान रूप से हो सके।
27.नकली खाद,बीज एवं कीटनाशक निर्माताओं व विक्रेताओं के विरुद्ध कठोर कानून व कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ताकि प्रतिवर्ष किसानों को हो रहे अन्यत्र नुकसानों से इन्हें बचाया जा सके।
28.कृषि कार्य हेतु बिजली कम से कम 12 घंटे वह भी एक ही बार में दी जाए और सारी शिफ्ट प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक की जाए ताकि कृषि कार्य ठीक से हो सके। टुकड़ों में मिलने वाली बिजली से कृषि कार्य प्रभावित होता है।
29.समस्त किसानों के 50% बिजली बिल माफ किए जाए।
प्राथमिक स्तर से स्नातकोत्तर तक किसानों एवं मजदूरों के बच्चों की शिक्षा निशुल्क तथा गांव के स्कूल में शिक्षकों की संख्या सुनिश्चित की जाए।
30.वनोपज संग्रहण पर वनवासी का अधिकार हो।
31.डोडा चूरा की खरीदी सुनिश्चित की जाए।
32.कपास का समर्थन मूल्य 15 हजार रुपए कुंटल घोषित किया जाए तथा मिर्च को मसालों में सम्मिलित करते हुए 50 हजार कुंटल मूल्य घोषित किया जाए।
33.60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों,मजदूरों एवं घरेलू व कामकाजी महिलाओं, विधवाओं, अशक्तजनों और अनाथ को प्रति माह चार हजार रुपए की सम्मान निधि राशि प्रदान की जाए । जिसमें महंगाई के अनुपात में वृद्धि की जाए।