September 24, 2024

GIS सर्वे में 5 करोड़ खर्च, 40% क्षेत्रों में पुराने आकलन से कर वसूली

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भोपाल

संपत्ति कर की गणना और वसूली में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए नगर निगम ने 5 साल पहले जीआईएस सर्वे शुरू किया था। नागपुर की एडीसीसी कंपनी को इसे पूरा हो करना था। नगर निगम अब तक करीब 5 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका है।

वहीं सर्वे करने वाली कंपनी भी विदा ले चुकी है। लेकिन जो सर्वे कंपनी द्वारा किया गया उसमें कई खामियां निकलकर समने आ रही हैं। हालात यह हैं कि शहर के करीब 40 फीसदी क्षेत्रों में आज भी पुराने आंकलन के आधार पर ही वसूली की जा रही है। जिससे निगम को हर साल करोड़ों को रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

लोग देते हैं संपत्ति की गलत जानकारी : राजधानी में लोग संपत्ति कर को बचाने के लिए कई बार गलत जानकारी देते हैं। वहीं आवासीय इमारत में भी कारोबारी गतिविधियां की जाती हैं, जिससे संपत्ति मालिक छिपा लेता है। इससे निगम को कर वसूली कम होती है। वहीं नगर निगम को नुकसान भी होता है। इसी नुकसान से बचने के लिए निगम ने जीआईएस सर्वे कराया था।

संपत्तिकर की गणना में गलत जानकारी होने की शिकायतें पहले भी मिल चुकी हैं। इसको लेकर जहां-जहां शिकायतें मिल रही हैं, जोन स्तर पर संपत्तियों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद नए सिरे से संपत्तिकर में संशोधन कर अतिरिक्त कर अधिरोपित किया जाएगा।
एकता अग्रवाल, उपायुक्त नगर निगम

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