September 27, 2024

हाईकोर्ट ने अनिर्वाय सेवानिवृत्ति को ठहराया सही, जानिए पूरा मामला

0

जबलपुर
असिस्टेंट फॉरेस्ट कंजरवेटर पद से अनिर्वाय सेवा निवृत्ति देकर हटाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने पाया की स्क्रीनिंग कमेटी ने करियर रिकॉर्ड के आधार पर निर्णय लिया है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता भगवान दास बडेरिया की तरफ से 2006 में अनिर्वाय सेवा निवृत्ति प्रदान किये जाने के खिलाफ याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि 2005 में एसीआर में ग्रेडिंग वेरी गुड थी। इसके अलावा 2005 में एक वेतन वृद्धि के दंड की सजा को मार्च 2006 में रद्द कर दिया था। इसके बावजूद भी अप्रैल 2006 में उसे अनिर्वाय सेवा निवृत्ति प्रदान कर दी गयी।

याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि याचिकाकर्ता का करियर रिकॉर्ड कभी भी संतोषजनक नहीं रहा। सिर्फ 2005 में उसकी ग्रेडिंग अच्छी थी। करियर रिकॉर्ड के आधार पर याचिकाकर्ता को अनिर्वाय सेवा निवृत्ति प्रदान करने के लिए प्रकरण स्क्रीनिंग कमेटी के पास भेजा गया था। स्क्रीनिंग कमेटी ने करियर रिकॉर्ड के आधार पर याचिकाकर्ता को अनिर्वाय सेवा निवृत्ति प्रदान की है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि स्क्रीनिंग कमेटी ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं, बल्कि याचिकाकर्ता के करियर रिकॉर्ड देखकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्णय लिया है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *