September 30, 2024

निरकं रिपोर्ट विभाग ने कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए

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भोपाल

महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक विभाग के निर्देश केवल कागजी खानापूर्ति कर पूरा कर रहे है। आंगनबाड़ियों में जन्म से छह वर्ष तक के सभी बच्चों का निरंतर माप लेने और कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करने के निर्देश है। लेकिन प्रदेश के कई पर्यवेक्षक इसको लकर लगातार निरंक रिपोर्ट दर्ज कर रहे है। पिछले कई महीनों की रिपोर्ट का विश्लेषण किए जाने पर लगातार निरंक रिपोर्ट ने विभाग के आयुक्त को चौका दिया। अब ऐसी रिपोर्ट पर विभाग ने कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए है। 

महिला एवं बाल विकास विभाग के इस फरमान का आंगनबाड़ियों की मैदानी टीम पालन नहीं कर रही है। हर माह 11 तारीख से अगले दस कार्यरिवसों में मासिक शारीरिक माप दिवसों का आयोजन होना है लेकिन पिछले कई महीनों से  इन दिवसों का योजनाबद्ध तरीके से आयोजन ही नहीं हो रहा है। कई पर्यवेक्षक सेक्टर में एसएएम और एमएएम बच्चों की रिपोर्ट लगातार निरंक दर्ज करा रहे है जो कि व्यवहारिक नहीं है। कागजी खानापूर्ति पर विभाग के आयुक्त रामाराव भोसले ने नाराजगी जताई है।

महिला एवं बाल विकास आयुक्त ने विभाग के सभी वरिष्ठ अफसरों को निर्देश जारी किए है कि अब यदि जिलों से बच्चों की कुपोषित (एसएएम) और अति कुपोषित (एमएएम) रिपोर्ट निरंक आती है तो इन आंकड़ों की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी या सहयोगी पार्टनर से कराई जाएगी। यदि रिपोर्ट में कोई बदलाव मिलता है तो निरंक रिपोर्ट भरने वाले पर्यवेक्षक और अन्य दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

 

कई आंगनवाड़ियों में बच्चों के माप और कुपोषण चिन्हांकन की रिपोर्ट पर्यवेक्षक निरंक दर्ज कर रहे थे। यह व्यवहारिक नहीं है। अब ऐसी रिपोर्ट पाए जाने पर स्वतंत्र संस्था से इसकी जांच कराएंगे। रिपोर्ट सहीं नहीं मिली तो दोषियों पर कार्यवाही होगी।

डॉ.रामराव भोसले, आयुक्त महिला एवं बाल विकास

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