भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक सत्य प्रकाश सखवार, बोले- ‘कांग्रेस के नेताओं ने ही मुझे हरवाया’
भोपाल.
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका लगा है। मुरैना की अंबाह विधानसभा से पूर्व विधायक सत्य प्रकाश सखवार ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिया है। आज सुबह 10:30 बजे बीजेपी प्रदेश कार्यालय में वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बता दें कि सत्य प्रकाश सखबार बीएसपी से विधायक रहे हैं। वर्तमान में सत्य प्रकाश सखबार कांग्रेस के नेता रहे हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका लगा है। आपको बता दें सत्य प्रकाश सखवार अंबाह विधानसभा से पूर्व विधायक रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में सीएम शिवराज, बीडी शर्मा और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की उपस्थिति में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है।
सत्यप्रकाश सखबार बसपा के टिकट पर अंबाह विधानसभा से तीन बार 2008, 2013 और 2018 में चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें से एक बार 2013 में वह 11307 वोट से जीते थे।सत्यप्रकाश सखबार को कुल 49307 वोट मिले थे। उस समय सत्यप्रकाश सखबार ने भाजपा के मंत्री बंशीलाल जाटव को हराया था।बसपा के टिकट पर सत्यप्रकाश सखबार 2018 का विधानसभा चुनाव बुरी तरह हारे और चौथे नंबर पर रहे थे। इसके बाद उनका बसपा से मोहभंग हो गया था और 2020 के उप चुनाव में बसपा को छोड़कर कांग्रेस में चले गए, लेकिन उप चुनाव में भाजपा के कमलेश जाटव (सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए) से चुनाव हार गए। तीन साल में ही पूर्व विधायक सत्यप्रकाश का कांग्रेस से मोहभंग हो गया और भाजपा की सदस्यता ले ली।
मोंटी छारी का रुझान कांग्रेस की ओर, जल्द चौकाने की तैयारी में
चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे अंबाह विधानसभा में भी दल बदलना शुरू हो गया है।पूर्व विधायक सत्यप्रकाश सखवार ने जिस तरह चौकाया है, वैसे ही अभिनव उर्फ मोंटी छारी भी चौकाने की तैयारी में हैं। मोंटी छारी का रुझान कांग्रेस की ओर हो गया है और वह कभी भी कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं। 12 मई को अंबाह में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की सभा होनी थी, जिसमें मोंटी छारी ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस में जाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन कमल नाथ का अंबाह दौरा स्थगित हो गया। गौरतलब है, कि कुछ समय पहले तक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेहद खास रहे हैं, लेकिन 2020 में हुए विधानसभा के उप चुनाव में मोंटी छारी ने निर्दलीय विधायक का चुनाव लड़कर भाजपा से बगावत कर दी थी।
विधानसभा चुनाव 2023 के पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों की ही चंबल ग्वालियर पर नजर है। सत्य प्रकाश अनुसूचित जाति के बड़े नेता है। जो दलित वर्ग से आते हैं। ऐसे में दलित वर्ग को लेकर ये बीजेपी का बड़ा कदम माना जा रहा है।
सत्यप्रकाश ने बताया कि कांग्रेस में कोई संगठन नहीं है। न कोई दल है और ना कोई नेता है। कांग्रेस गुटों की पार्टी है। अपने-अपने गुटों में बंटी हुई है। मैं चुनाव लड़ने के लिए खड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि मुझे हरवाया गया है। कांग्रेस के नेताओं ने ही मुझे हरवाया है।