September 30, 2024

महागठबंधन सकरार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर

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पटना

राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर बनी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार लगातार विवादों में घिर रही है। विपक्षी दलों की राजनीतिक बयानबाजी के बाद मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। सरकार बने अभी सप्ताह भी नहीं बीते कि इसे बर्खास्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसके लिए पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। वादी ने कोर्ट से मांग किया है की असंवैधानिक तरीके से बनी इस सरकार को बर्खास्त कर दिया जाए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता धर्मशीला देवी और अधिवक्ता वरुण सिन्हा की ओर से एक याचिका दायर की गई है।इसे जनहित याचिका बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए नेता के तौर पर विधानसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और एनडीए के नाम पर ही उन्हें बहुमत मिला। अब नीतीश कुमार महागठबंधन का घटक दल बनकर मुख्यमंत्री बने हुए  हैं। यह संसदीय लोकतंत्र और संविधान के आधारभूत ढांचे के खिलाफ है। याचिकाकर्ता ने याद दिलाया है फिर 2017 में आरजेडी का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद राजद और तेजस्वी यादव जनादेश की चोरी वाली सरकार बता रहे थे। इसके आधार पर भी नीतीश कुमार की वर्तमान सरकार असंवैधानिक है। याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 163 और 164 के तहत राज्यपाल को नीतीश कुमार को पुनः नियुक्त नहीं करना चाहिए था क्योंकि, मेजॉरिटी वाला गठबंधन छोड़कर माइनॉरिटी कोलिशन के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने सरकार बना ली और सीएम बन गए।

शपथ ग्रहण के बाद से ही बिहार के महागठबंधन सरकार लगातार विवादों में हैं। पहले कानून मंत्री कार्तिकेय मास्टर के वारंटी होने का मामला जोर-शोर से उठा। उसके बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का नाम चावल घोटाले में और चंद्रशेखर  का नाम कारतूस मामले में उछाला गया। अब पूरी सरकार को कोर्ट में घसीट ने की कवायद की गई है।

 

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