महंगाई भत्त्ते को लेकर राज्य के कर्मचारी एक बार फिर अपने आपको कर रहे ठगा हुआ महसूस
भोपाल
महंगाई भत्त्ते को लेकर राज्य के कर्मचारी एक बार फिर अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे है। राज्य सरकार ने 18 अगस्त को आदेश जारी कर अखिल भारतीय सेवा के सदस्यों, आईएएस, आईपीएस और आईएफएस को एक जनवरी से 34 फीसदी महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी किए थे और अब 22 अगस्त को आदेश जारी कर राज्य सरकार ने प्रदेश के साढ़े चार लाख नियमित कर्मचारियों को एक अगस्त से 34 फीसदी महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी किए है। इस भेदभाव को लेकर राज्य के कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। कर्मचारियों ने सीएम को ज्ञापन भेजा है।
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के संरक्षक सुधीर नायक का कहना है कि आईएएस, आईपीएस भी राज्य में ही काम करते है लेकिन उन्हें एक जनवरी से बढ़ी हुई दरों से 34 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। उसका एरियर्स भी दिया जा रहा है। राज्य के कर्मचारियों को एक बार फिर सात माह का नुकसान महंगाई भत्ते में उठाना पड़ेगा। हम इसका विरोध करते है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए राज्य के कर्मचारियों को भी जनवरी 2022 से 34 फीसदी महंगाई भत्ते का एरियर्स देने की मांग करेंगे। अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को जुलाई 2021 से डीए का एरियर्स देने के आदेश जारी हुए है। जबकि राज्य के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से डीए का एरियर्स नहीं मिला है। कोरोना काल में संकट के समय प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों ने काफी धैर्य से काम किया था। उस समय मुख्यमत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जैसे ही आर्थिक स्थिति ठीक होगी सभी की पाई-पाई देंगे।
नजर आया भेदभाव
मध्यप्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रांताध्यक्ष इंजीनियर डीके यादव का कहना है कि इस बार भी अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को राज्य सरकार जनवरी से बढ़े हुए 3 फीसदी महंगाई भत्ते का एरियर्स दे रही है लेकिन राज्य के कर्मचारियों को अगस्त से बढ़े महंगाई भत्ता देने की घोषणा की गई है। यह भेदभाव उचित नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री,सामान्य प्रशासन विभाग और वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव, कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा को पत्र लिखकर इस पर अपना विरोध दर्ज कराया है।