मध्यप्रदेश में अब प्राइवेट CCTV से अपराधों पर रखेंगे नजर
भोपाल
मध्यप्रदेश में अब आपराधिक तत्वों की खोजबीन को और आसान करने के लिए राज्य सरकार पब्लिक सेफ्टी एक्ट (लोक सुरक्षा अधिनियम) बनाने जा रही है। इसके लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना और उनके फुटेज पुलिस को मांग पर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर दो लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा।
सीसीटीवी कैमरों और उनके फुटेज के आधार पर हत्या, चोरी,डकैती, मारपीट और दुर्घटनाओं में दोषी व्यक्तियों और आपराधिक तत्वों की धरपकड़ में पुलिस को आसानी होती है। लेकिन अक्सर जब सीसीटीवी के फुटेज दुकानदारों, शापिंग मॉल, कॉलोनी संचालकों और अन्य लोगों से मांगे जाते है तो पुलिस की तफतीश से बचने के लिए लोग बहाने कर सीसीटीवी फुटेज देने से बचने की कोशिश करते है।
सरकार जारी करेगी एडवाइजरी
सरकार एक एडवाइजरी करेगी जिसके तहत भीड़-भाड़ वाले व्यापारिक संस्थानों और जनोपयोगी संस्थाओं को अपने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाना होंगे। इसके दायरे में सभी शापिंग मॉल, बड़े बाजार, बैंक, बड़े होटल, रेस्टोरेंट, रहवासी कॉलोनियों के मुख्य प्रवेश द्वार, अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूल, कॉलेज सहित भीड़-भाड़ वाले ऐसे संस्थान या क्षेत्र जहां लोगों की आवाजाही ज्यादा होती है उन सबको शामिल किया जाएगा। जिन संस्थाओं के पास पहले से कैमरे लगे हुए है उन्हें फुटेज पुलिस को मांगने पर देना अनिवार्य होगा। जिन संस्थाओं के संचालक फुटेज देने से इंकार करेंगे और पुलिस को आपराधिक तत्वों की धरपकड़ में सहयोग नहीं करेेंगे उनके विरुद्ध दो लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकेगा। गृह विभाग ने नया एक्ट लाने की तैयारियां कर ली है। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद इसे लागू किया जाएगा।