सहकारी समितियों के जरिए संचालित राशन की दुकानों को चलाने के लिए नहीं मिल रहे सेल्समेन
भोपाल
प्रदेश में सहकारिता विभाग द्वारा प्राथमिक सहकारी समितियों के जरिए संचालित राशन की दुकानों को चलाने के लिए सेल्समेन नहीं मिल रहे है। छोटी दुकानों पर अलग से सेल्समेन रखे जाने पर उसका खर्च भी नहीं निकल पा रहा है इसके चलते विभाग ने साढ़े तीन हजार दुकाने सरेण्डर कर दी है। अब इन दुकानों का संचालन एनआरएलएम के जरिए कराया जाएगा।
प्रदेश में संचालित हजारों राशन दुकाने ऐसी है जिनपर कोई सेल्समेन नहीं है। इसके चलते अन्य दुकानों के सेल्समेन ही इन दुकानों पर भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित कि या जाने वाला खाद्यान्न वितरण का कार्य कराया जा रहा है। सेल्समेनों की कमी के कारण ग्रामीण अंचलों में रोजाना राशन की दुकाने नहीं खुलती है। इसके चलते आम नागरिकों को परेशान होना पड़ता है। राशन दुकाने खुलती भी है तो काफी कम समय के लिए खुलती है। क्योंकि एक ही सेल्समेन दो और तीन दुकानों का संचालन कर रहा है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने प्रदेश की सभी राशन दुकानों पर एक सेल्समेन नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। सहकारिता विभाग को भी कहा गया था कि वह हर दुकान के लिए एक सेल्समेन की तैनाती करे। लेकिन हर राशन की दुकान पर सेल्समेन की तैनाती से उसके संचालन का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। मुख्यमंत्री सचिवालय और सीएम हेल्पलाइन में भी राशन की दुकाने रोज नहीं खुलने की शिकायत पहुंच रही थी। इनमें से अधिकतर दुकाने सहकारिता विभाग द्वारा संचालित थी।
हर राशन दुकान पर राशन वितरण के लिए सेल्समेन तैनाती से सहकारिता विभाग ने हाथ ऊंचे कर लिये। विभाग ने यह कहते हुए ये दुकाने सरेण्डर कर दी कि इन पर अलग से सेल्समेन रखकर दुकाने चलाना मुश्किल है।ऐसी करीब साढ़े तीन हजार दुकाने सरेण्डर की गई है।सहकारिता विभाग द्वारा दुकाने सरेण्डर किए जाने से खाद्य विभाग के सामने भी इन दुकानों के संचालन का संकट पैदा हो गया है।
महिला एसएचजी संभालेगा कमान
खाद्य विभाग ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परियोजना) से इसके लिए बात की। एनआरएलएम ने इसके लिए उनके यहां काम कर रहे महिला स्वसहायता समूहों से चर्चा की। इसके बाद एनआरएलएम इनमें से अधिकांश दुकानों के संचालन के लिए तैयार हो गया। कंट्रोल आॅडर के तहत भी हर दुकान पर एक सेल्समेन का प्रावधान किया जाना है और प्रदेश में तीस फीसदी राशन दुकाने महिलाओं के जरिए संचालित की जाना है। अब जो भी नई दुकाने खुल रही है उन्हें महिलाओं स्वसहायता समूहों के जरिए संचालित करने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है। इसलिए अब इन दुकानों को महिला स्वसहायता समूहों के जरिए संचालित करने एनआरएलएम को दिया जाएगा।