राज्य स्तरीय योग प्रतियोगिता का शुभारंभ
- योग प्रतियोगिता, स्पर्धा का नहीं, साधना का विषय है : डॉ. वार्ष्णेय
भोपाल
महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान एवं राज्य स्तरीय शासकीय योग प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल द्वारा प्रथम योग क्लबों के लिए प्रथम राज्य स्तरीय योग प्रतियोगिता का शुभारंभ डॉ. अशोक वार्ष्णेय राष्ट्रीय संगठन सचिव, आरोग्य भारती एवं संस्थान के चेयरमेन एवं राज्य योग आयोग के उपाध्यक्ष भरत बैरागी ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में नृत्य योग, कलाओं से परिपूर्ण पहली प्रस्तुति शिव आराधना की आकर्षक एवं मनमोहक प्रस्तुति ग्वालियर संभाग की छात्राओं ने दी।
डॉ. वार्ष्णेय ने कहा कि योग केवल शारीरिक क्रिया नहीं है, यह मन और शरीर को जोड़ने की क्रिया है। योग सम्पूर्ण विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। मनुष्य की दिनचर्या में योग भोजन की तरह अनिवार्य बनता जा रहा है। यह यम से समाधि तक की वैज्ञानिक क्रिया है। योग एनर्जी लेस से एनर्जी मैन भी बनाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि योग को उनकी तरह अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। योग मनुष्य का स्वभाव बन जाना चाहिए। उपस्थित छात्र/छात्राओं को भी नियमित योग अभ्यास करने को कहा। उन्होंने कहा कि योग क्वालिटी ऑफ लाइफ बनाता है। योग प्रतियोगिता एवं स्पर्धा का विषय नहीं, साधना का विषय है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष बैरागी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीनतम अनूठी विधा योग हमें विरासत में मिली है। योग से हमें नई पीढ़ी का चरित्र-निर्माण करना है। उन्होंने खगोल का उदाहरण देते हुए उज्जयिनी की वेधशाला की वर्षों पूर्व योग साधना से हमारे पूर्वजों ने स्थापना कर दी थी। भगवान योगेश्वर कृष्ण एवं आदिशंकराचार्य का उदाहरण देते हुए कहा कि म.प्र. से ही नया इतिहास लिखा जा रहा है। उसी क्रम में एक और नया अध्याय हम योग साधक इन योग प्रतियोगिताओं का आयोजन कर लिखने जा रहे हैं। प्रतियोगिता में 45 जिलों से 400 छात्र/छात्राएँ एवं 110 कोच, जिलायोग प्रभारी एवं निर्णायकों द्वारा अंडर- 14,17,19 के बालक बालिकाओं के समूह वर्ग की योग रिदमिक, आर्टिस्टिक की प्रतियोगिताएँ 2 नवम्बर 2022 तक सम्पन्न की जायेंगी।
आभार प्रदर्शन निदेशक, महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान प्रभात राज तिवारी ने किया।