मतदाता लोकतंत्र की प्राणवायु : राज्यपाल पटेल
विद्यालय स्तर पर लोकतंत्र की जड़ों का बीजारोपण किया जाए
राज्यपाल पटेल 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल
भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि निष्पक्ष निर्वाचन यदि लोकतंत्र की आस है, तो जागरूक मतदाता इसकी सफलता की साँस है। मताधिकार वह शक्ति है जिसके द्वारा मतदाता लोकतंत्र को प्राणवायु प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 के आस-पास और उसके बाद की पीढ़ी लगभग पूरी सदी के लोकतंत्र के भविष्य को आकार देगी। ज़रूरी है कि छात्र-छात्राओं में विद्यालय स्तर पर ही लोकतंत्र की जड़ों का बीजारोपण कर दिया जाए।
राज्यपाल पटेल आज कुशाभाऊ इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर प्रदर्शनी के शुभारम्भ के बाद उपस्थित जन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित जन को मतदाता शपथ भी दिलाई। निर्वाचन कार्य में सम्मिलित उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारी को सम्मानित किया। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। अस्सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाता जीतेन्द्र सिंह, श्रीमती मंजू सिंह, ट्रांसजेंडर मतदाता संजना सिंह और नज़र ठाकुर का शाल-श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया। राज्यपाल ने 10 नव मतदाताओं को एपिक कार्ड का वितरण किया। कार्यक्रम में आयोग द्वारा प्रकाशित "द पॉवर ऑफ़ वन वोट" कॉफ़ी टेबल बुक का विमोचन किया गया। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के वीडियो संदेश का प्रसारण किया। आयोग द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर जारी गीत और अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर निर्मित वीडियो फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि हमें गर्व है कि हम सब विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिक हैं। जरूरी है कि हम सब लोकतंत्र का आधार, निर्वाचन प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा के साथ अनिवार्य रूप से शामिल हों। उन्होंने बताया कि वर्ष 1951 के प्रथम आम चुनाव में मतदाता के रूप में शामिल 106 वर्ष की आयु में दिवंगत श्याम सरन नेगी लम्बे जीवन काल में कभी भी मतदान से नहीं चूके। युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। पटेल ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मताधिकार से देश का एक भी नागरिक वंचित नहीं हो, इसके लिए व्यापक प्रयास किए जाते हैं। ज़रूरी है कि प्रत्येक नागरिक राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम “वोट जैसा कुछ नहीं, वोट ज़रूर डालेंगे हम” को पूरी निष्ठा और पवित्रता के साथ आत्मसात करें। उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा ऑनलाइन आवेदन के विभिन्न अवसर देने, नाम जुड़वाने के लिए वर्ष में चार बार अर्हता तिथियाँ निर्धारित करने, वोटर आई डी कार्ड का वितरण स्पीड पोस्ट से करने, दिव्यांगजन को विशेष रूप से जनजातीय समूहों, ट्रांसजेंडर वर्ग के छूटे हुए पात्र मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में शामिल करने, 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन और कोविड प्रभावित वोटर्स को पोस्टल बेलेट की सुविधा देने और 100 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को सम्मानित करने के कार्यों की सराहना की। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग किये जाने, पुरुषों की तुलना में महिलाओं के अधिक पंजीयन होने और वोटर आई.डी. से लिंक करवाने में सक्रियता के लिए मतदाताओं को बधाई दी।
भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ. पी. रावत ने कहा कि सार्वभौमिक मताधिकार को सुनिश्चित करने और मतदाताओं के सशक्तिकरण के प्रयासों में भारत निर्वाचन आयोग का विशिष्ट स्थान है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग के सी-विजिल एप ने भारत के मतदाता को सबसे शक्तिशाली मतदाता बना दिया है। एप पर कोई भी फोटो, वीडियो अपलोड कर शिकायत कर सकता है। एप की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व में निर्वाचन आयोग को प्राप्त होने वाली शिकायतों में लगभग 99 प्रतिशत निराधार होती थीं, किन्तु वर्ष 2019 में एप से प्राप्त 3 लाख शिकायत में 95 प्रतिशत शिकायतें सही पाई गयी थीं। उन्होंने बताया कि आयोग निर्वाचन प्रक्रिया की बेहतरी के लिए निरंतर आधुनिक तकनीक के उपयोग का प्रयास कर रहा है। उन्होंने वर्ष 1951 में संपन्न प्रथम आम चुनाव में सार्वभौमिक मताधिकार की चुनौतियों और निर्भीक, तटस्थ निर्वाचन संपन्न कराने की उपलब्धि का स्मरण करते हुए भारत के प्रथम निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन को श्रद्धांजलि दी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश के 64 हज़ार 100 मतदान केन्द्र पर 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियों, जन-जागरण डाक द्वारा वोटर कार्ड के वितरण की पहल की गई है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा उन्नत वोटर आई.डी. कार्ड मतदाताओं को डाक द्वारा वितरित किये जा रहे हैं। इन कार्डों में सुरक्षा के बेहतर उपाय किए गए हैं। इन पर होलोग्राम, क्यू.आर. कोड और घोस्ट इमेज भी है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा निर्वाचक नामावली में युवाओं को शामिल कराने पर विशेष बल दिया जा रहा है। विशेष पिछड़ी अनुसूचित जनजातियों को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए विशेष शिविर लगा कर प्रयास किए गए हैं।कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया ने आभार माना। आयोग के स्टेट आइकॉन राजीव वर्मा और अपर निर्वाचन पदाधिकारी आर. के. कोल मंचासीन थे।